दिल से निकले वो हैं कविता !
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Thursday, November 22, 2012
अभी तो बाकी हैं
अभी तो बाकी हैं
एक रात और जाने को हैं,
अभी तो एक नई सुबह का इंतजार बाकी हैं ।
चांदनी धरती पर पड़ चुकी,
अभी तो सूरज की किरण का स्पर्श बाकी हैं ।
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Thursday, September 27, 2012
ठोकर
ठोकर
राह में आये रोड़े से ठोकर खाकर गिर गए,
किसी ने उफ़ तक न की और हँसते हुए चल दिए |
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Saturday, May 12, 2012
वो पल अक्सर याद आते हैं
रोहतांग घाटी
यादें
वो पल अक्सर याद आते हैं,
एक प्यारा अहसास दिला जाते हैं ।
सफ़ेद बर्फ से पटी पहाड़ियाँ,
वो बर्फीली सुन्दर घाटियाँ ।
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Thursday, May 3, 2012
सफ़र
कोंकर्ण रेलवे लाइन पर गोवा एक्सप्रेस
सफ़र
हम तो सफ़र किये जा रहे हैं,
मंजिले पीछे छुटती जा रही हैं |
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Tuesday, May 1, 2012
शीत ऋतू
रोहतांग दर्रा , मनाली........
शीत ऋतू
मौसम ने ली अंगड़ाई,
देखो जाड़े की ऋतु हैं आई |
सर्दी का अजब हैं खेल ,
चारों ओर बर्फ का ढेर |
प्रकृति ने भी बदला रंग,
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